बुधवार, 1 जून 2016

kuchh shabd



           कुछ शब्द
मुझे अपने शब्द कोश में
कुछ शब्द मुझे अच्छे  लगते
मुझे अच्छा नहीं लगता शब्द' राष्ट्रवाद '
राष्ट्रभक्ति का आवरण  ओढे 
राष्ट्र और राष्ट्र के बीच 
युद्ध  का प्रतीक 
गैस  चेंबरों मैं 
सड़ती हुई  लाशों की 
बदबू  आती है मुझे 
इस शब्द में। 

मुझे अच्छा नहीं लगता शब्द 'धर्म ' 
घृणा  का प्रतीक 
जो जोड़ता  नहीं    तोड़ता  है 
आदमी को आदमी से 
 जो सिखाता है तो बस 
आपस में बैर रखना। 

 मुझे   अच्छा नहीं लगता  शब्द  ' जाति ',
इंसानों  के लहू से 
भीगा यह शब्द 
ऊंच,  नीच , छूूत और  अछूत 
इन चार बेटों का बाप ,
सुनाई देती हैं मुझे चीखें 
 इस शब्द में 
गालियाँ खाते हुए  
किसी मजदूर की 
और अस्मत लुटाते  हुए 
किसी अछूत कन्या की। 

मेरे शब्द कोश  में 
सदियों से छिप कर बैठे   ये शब्द 
मारने लगे   हैं सड़ांध  
और गन्दा कर रहे  हैं  मेरे शब्द कोश को। 
 निकाल देना चाहता हूँ  इन शब्दों को मैं  अब ,
 अपने शब्द कोश से,
 और बना देना चाहता हूँ  पवित्र 
 अपने शब्द कोश को। 
               (बलदेव सिंह महरोक )


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हमारी बेटियां (देश की सभी बेटियों के नाम)

 https://www.facebook.com/253981448301461/posts/1492619764437617/ हमारी बेटिया      इस बार फिर ओलंपिक आया। हमारी बेटियों ने  फिर करिश्मा दिख...