baathaipar
सरहद पार से आने वाली कुछ खुशबूदार हवाओं के झौंके
हमारी एक बनी बनाई धारणा है कि पाकिस्तान की ओर आने वाली हवायें हमेशा जहरीली और नफरत भरी होती हैं।
हम नहीं जानते कि इस प्रकार की हवायें पाकिस्तान के भीतर से चलती है या उनमें कहीं रास्ते में ज़हर घुल जाता है, मगर हम इतना
जरूर जानते हैं कि ये हवांये बहुधा अच्छी नहीं होतीं।
लेकिन पिछले दिनों सरहद के उस पार से हवाआंें के दो-तीन खुशबूदार झौंके आये। जिन लोगों को इनके बारे पता चला उन्होंने इसे जरूर महसूस किया है।
एक झौंका तब आया जब स्विटजर्लैंड के सैंट मौरिज में पाकिस्तान क्रिकेटर के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी अपने हिन्दुस्तानी फैंस के आग्रह पर उनके साथ फोटो खिंचवाने लगे। हुआ यूं कि एक हिंदुस्तानी लड़की के हाथ में तिरंगा झंडा पकड़ा हुआ था। वह उसे छुपाने का प्रयास करने लगी शायद यह सोच कर कि पाकिस्तानी क्रिकेटर को यह अच्छा न लगे।
मगर शाहिद अफरीदी ने उसकी इस बात को भांप लिया और उसने उस लड़की से तिरंगे को सामने फैलाने के लिये कहा। और तिरंगा सामने फैलाने के बाद बड़ी शान से उसने अपने हिंदुस्तानी चाहने वालों के साथ फोटो खिंचवाई। यही नहीं, अफरीदी ने कहा- ‘हमें एक दूसरे देशों के झण्डे का सम्मान करना चाहिये।
ऐसा करके शाहिद ने हिंदुस्तानियों का दिल जीत लिया। इस पूरी घटना की वीडियो मीडिया में वायरल हुआ । कुछ टीवी चैनलों ने भी इसे दिखाया। जिस ने भी मीडिया में देखा वह पाकिस्तान के इस खिलाड़ी की तारीफ किये बिना न रह सका।
वाह अफरीदी साहब ! आपने हमारे देश के झंडे का सम्मान किया । इसके उत्तर में हम आपके इस जज़्बे को सलाम करते हैं। आपने दोनों देशों के अवाम को एक बहुत बड़ा पैगाम दे दिया है।
दूसरी घटना राजस्थान के हिंदू परिवार की है जिन्होंने अपनी लड़की का रिश्ता पाकिस्तान में रह रहे एक हिन्दू परिवार के लड़के के साथ किया है। लड़के और उसके पिता को वीजा मिल गया परंतु मां का वीजा किसी कारण अटक गया था। हो सकता है बाद में हल हो गया हो।
हमारे एक-दो टीवी चैनलों ने इस खबर को संक्षिप्त रूप में दिखाया और यह भी बताया कि पाकिस्तान में रह रहे इस हिंदू लड़के का परिवार वहां बड़ी शानो-शौकत के साथ रह रहा है।
और तीसरा खुशबूदार हवा का झौंका तब आया जब पाकिस्तान में 38 वर्षीय कृष्णा कुमारी कोहली नाम की एक हिंदू लड़की को वहां की सीनेट का सदस्य चुना गया। वह पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से उमीदवार थी। वहां की सीनेट को लगभग वे सभी शक्तियां प्राप्त हैं जो हमारे यहां लोकसभा को है। कृष्णा कुमारी पाकिस्तान में एक हिंदु दलित परिवार से संबंध रखती है जिनका परिवार स्वंतंत्रता सैनानी रहा है। उनके परिवार के एक व्यक्ति को 1858 में ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर भी लटका दिया था।
इस प्रकार से यदा-कदा आने वाले समाचार हमारी कई धारणाओं को झुठला देते हैं।
हमारा मीडिया इस प्रकार की खबरें बहुत कम देता है और अगर देता भी है तो बहुत संक्षिप्त रूप में। ...अपनी-अपनी मजबूरियां होती हैं।
खैर, ऐसी हवाये ंहमेशा आती रहें। यही हमारी तमन्ना है। हमारी इच्छा है कि सरहद के दोनों ओर के आवाम खुश रहें।
और हां, चलते-चलते......
पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म ‘अय्यारी’ के एक सीन में इंटैलीजेंस विभाग के दो अफसरों की बातचीत के दौरान एक पूछता है-सर, जब दो देशों में इतने इंटैलीजैंट आदमी मौजूद हैं तो वे कशमीर का मसला हल क्यों नही कर लेते।?
तो इस पर दूसरा अफसर जवाब देता है-‘कशमीर एक मसला नहीं, एक इंडस्ट्री है, दोनों देशों के सियासतदानों के लिए....’
हम नहीं जानते कि इस प्रकार की हवायें पाकिस्तान के भीतर से चलती है या उनमें कहीं रास्ते में ज़हर घुल जाता है, मगर हम इतना
जरूर जानते हैं कि ये हवांये बहुधा अच्छी नहीं होतीं।
लेकिन पिछले दिनों सरहद के उस पार से हवाआंें के दो-तीन खुशबूदार झौंके आये। जिन लोगों को इनके बारे पता चला उन्होंने इसे जरूर महसूस किया है।
एक झौंका तब आया जब स्विटजर्लैंड के सैंट मौरिज में पाकिस्तान क्रिकेटर के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी अपने हिन्दुस्तानी फैंस के आग्रह पर उनके साथ फोटो खिंचवाने लगे। हुआ यूं कि एक हिंदुस्तानी लड़की के हाथ में तिरंगा झंडा पकड़ा हुआ था। वह उसे छुपाने का प्रयास करने लगी शायद यह सोच कर कि पाकिस्तानी क्रिकेटर को यह अच्छा न लगे।
मगर शाहिद अफरीदी ने उसकी इस बात को भांप लिया और उसने उस लड़की से तिरंगे को सामने फैलाने के लिये कहा। और तिरंगा सामने फैलाने के बाद बड़ी शान से उसने अपने हिंदुस्तानी चाहने वालों के साथ फोटो खिंचवाई। यही नहीं, अफरीदी ने कहा- ‘हमें एक दूसरे देशों के झण्डे का सम्मान करना चाहिये।
ऐसा करके शाहिद ने हिंदुस्तानियों का दिल जीत लिया। इस पूरी घटना की वीडियो मीडिया में वायरल हुआ । कुछ टीवी चैनलों ने भी इसे दिखाया। जिस ने भी मीडिया में देखा वह पाकिस्तान के इस खिलाड़ी की तारीफ किये बिना न रह सका।
वाह अफरीदी साहब ! आपने हमारे देश के झंडे का सम्मान किया । इसके उत्तर में हम आपके इस जज़्बे को सलाम करते हैं। आपने दोनों देशों के अवाम को एक बहुत बड़ा पैगाम दे दिया है।
दूसरी घटना राजस्थान के हिंदू परिवार की है जिन्होंने अपनी लड़की का रिश्ता पाकिस्तान में रह रहे एक हिन्दू परिवार के लड़के के साथ किया है। लड़के और उसके पिता को वीजा मिल गया परंतु मां का वीजा किसी कारण अटक गया था। हो सकता है बाद में हल हो गया हो।
हमारे एक-दो टीवी चैनलों ने इस खबर को संक्षिप्त रूप में दिखाया और यह भी बताया कि पाकिस्तान में रह रहे इस हिंदू लड़के का परिवार वहां बड़ी शानो-शौकत के साथ रह रहा है।
और तीसरा खुशबूदार हवा का झौंका तब आया जब पाकिस्तान में 38 वर्षीय कृष्णा कुमारी कोहली नाम की एक हिंदू लड़की को वहां की सीनेट का सदस्य चुना गया। वह पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से उमीदवार थी। वहां की सीनेट को लगभग वे सभी शक्तियां प्राप्त हैं जो हमारे यहां लोकसभा को है। कृष्णा कुमारी पाकिस्तान में एक हिंदु दलित परिवार से संबंध रखती है जिनका परिवार स्वंतंत्रता सैनानी रहा है। उनके परिवार के एक व्यक्ति को 1858 में ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर भी लटका दिया था।
इस प्रकार से यदा-कदा आने वाले समाचार हमारी कई धारणाओं को झुठला देते हैं।
हमारा मीडिया इस प्रकार की खबरें बहुत कम देता है और अगर देता भी है तो बहुत संक्षिप्त रूप में। ...अपनी-अपनी मजबूरियां होती हैं।
खैर, ऐसी हवाये ंहमेशा आती रहें। यही हमारी तमन्ना है। हमारी इच्छा है कि सरहद के दोनों ओर के आवाम खुश रहें।
और हां, चलते-चलते......
पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म ‘अय्यारी’ के एक सीन में इंटैलीजेंस विभाग के दो अफसरों की बातचीत के दौरान एक पूछता है-सर, जब दो देशों में इतने इंटैलीजैंट आदमी मौजूद हैं तो वे कशमीर का मसला हल क्यों नही कर लेते।?
तो इस पर दूसरा अफसर जवाब देता है-‘कशमीर एक मसला नहीं, एक इंडस्ट्री है, दोनों देशों के सियासतदानों के लिए....’
अच्छी मानसिक सोच, बात, विचार, वहवहार का फैलाव समाज के वातावरण को सुकूनमय व उलासपुर्न बनाना है जो शांत, खुशी से जीने में सहायक है
जवाब देंहटाएं