(व्यक्ति पूजा पर एक वैचारिक लेख )
गुलाम प्रवृत्ति से बाहर निकलिए JANAB!
कितनी अजीब बात है कि एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की पूजा करता है। उसे भगवान मान लेता है। यह जानते हुए भी कि प्रकृत्ति ने सब मनुष्यों को एक सा शरीर दिया है। सब पर एक प्रकृतिक नियम लागू होते हैं। सब के अंदर सोचने की शक्ति एक सी है। परंतु कुछ लोग अपने को इतनी हीन मान लेते हैं कि दूसरे मनुष्य को भगवान मान बैठतेे हैं। यह मनुष्यत्व की निष्कृष्टतम स्थिति है।
हम भावना में बहकर दूसरे मनुष्यों, किसी की भगवान के रूप में, किसी को देवता के रूप में, किसी की नेता के रूप में, किसी को गुरू के रूप में अंधश्रद्धा के साथ पूजने लगते हैं जबकि हम भूल जाते
यह सब आपके अंदर हीन भावना के कारण होता है। जैसे एक गरीब और दलित घर में पैदा हुआ मनुष्य यह मान कर चलता है कि मैं तो हूं ही गरीब। मुंझे भगवान ने दूसरों की सेवा करने के लिए ही पैदा किया हैं। इसी तरह प्रायः अधिकांश स्त्रियां यह समझ कर चलती हैं, कि वे तो स्त्रियां हैं। वे घर का चूल्हा-चैका करने और बच्चे जनने के लिए ही पैदा हुई हैं । लेकिन जो स्त्री यह सोच जान लेती है कि वह स्त्री के अलावा अन्य भी बहुत कुछ है तो वह उस स्थिति से उपर उठकर जीवन में बहुत कुछ प्राप्त कर लेती है ।
रही ‘सम्मान’ करने की बात। सम्मान करना एक बात है। मगर पूजा करना एक अलग प्रवृत्ति है। घर-परिवार में अपनी स्थिति के अनुसार सम्मान करना चाहिए। माता-पिता बुजुर्गों, विद्वानों व हमारे मार्ग दर्शकों का सम्मान करना हमारे मनुष्यत्व को ऊँचा उठाता है, लेकिन अंधश्रद्धारत हो, मनुष्य की पूजा करना गलत हैं। किसी संत, बाबा या भगवा पहनावा देख कर प्रभावित हो या अपने से किसी ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति, या किसी नेता, या किसी बहुत ज्यादा धनवान व्यक्ति की पूजा करना हमारे अंदर की हीनता को दर्शाता है।
अपने आप को जानना जरूरी है। अपनी क्षमता को पहचानिए। आप इस दुनिया में हर बात और हर चीज में बराबर के हिस्सेदार हैं। आपके अंदर प्रकृति ने बराबर की क्षमता दी है। आप वह सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं, जो किसी बड़े से बड़े, महान से महान माने जाने वाले व्यक्ति ने प्राप्त किया है।
- आप एक सम्पूर्ण मनुष्य हैं।
अपनी क्षमता को पहचानिए। अपने अंदर की गुलाम प्रवृत्ति को अपने अंदर से बाहर निकाल कर फैंक दीजिए। फिर देखिए, जीवन में आपको किस प्रकार आगे बढ़ने के अनगिनत रास्ते खुले हुए मिलते हैं।
-= बलदेव सिंह महरोक
Very nice ji
जवाब देंहटाएं