गुरुवार, 19 अप्रैल 2018

हे जनता ! तुम एक वोट हो...

हे जनता ! तुम एक वोट हो...

हे जनता! 
तुम सिर्फ जनता हो! हुक्मरान नहीं।
तुम एक वोट थी, एक वोट हो, और वोट ही रहोगी।
हे जनता ! 
तुम्हें बस बटन दबाना है और टीं...अं...अं.......सुनना है।
बाकी पांच साल ? नेता जी तुम्हारा बटन दबायेंगे और तुम्हारी टीं....अं... बुलायेंगे।
हे जनता !
तुम एक वस्तु हो ! जो बार-बार बिकती है- कभी इस हाथ, कभी उस हाथ!! 
हे जनता!
दो रूपये किलो गेहूं, तीन रूपये किलो चावल, पांच रूपये किलो दाल!
या फिर, पांच सौ रूपये और एक शराब की बोतल!
यही तुम्हारी कीमत है! पांच साल के लिए।
हे जनता! 
तुम एक भेड़ थी ! तुम एक भेड़ हो !  भेड़ की तरह चलती हो, सिर झुका कर! पीछे-पीछे।
परन्ंतु.......... तुम्हारी कीमत एक भेड़ से भी कम है! 
हे जनता !
तुम एक नागपुरी संतरा हो- जिसे छीला जाता है! फिर जूस निकाला जाता है  और नेताओं द्वारा पिया जाता है ! 
और तुम्हारा गूदा बेकार समझ कर फैंक दिया जाता है!
हे जनता!
तुम सिर्फ जनता हो! हुक्मरान नहीं! 
तुम जनता थी और जनता ही रहोगी!

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