विपक्षी सरकारों को दबाने के लिए अफसरशही का दुरुपयोग एक खतरनाक खेल
1. भविष्य की सरकारों के लिए बोये जा रहे हैं कांटे।
2. जनता के अंदर भाजपा के प्रति यह एक गलत संदेश।
3. राष्ट्रीय राजनीति में ‘आप’ का कद भी बढ़ा।
दिल्ली में अफसरशाही का चुनी हुई सरकार के साथ सहयोग न करना, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बुलाने पर सरकारी मीटिंगों से जानबूझ कर अनुपस्थित रहना, और तरह-तरह के बहाने लगाकर सरकार के लिए संकट पैदा करना, नियमों को तोड़मरोड़कर संकट खड़े करना, फाईलों पर विपरीत टिप्पणियां लिखना जैसी प्रवृति लोकतंत्र में एक निहायत ही गलत परम्परा को जन्म दे रही है।
यह सही है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नहीं होने के कारण बहुत सारी प्र्रशासकनिक शक्तियां वहां के उप राज्यपाल के पास निहित हैं। परंतु दिल्ली की राज्य सरकार और उपराज्यपाल की शक्तियों का बटवारा स्पष्ट न होने के कारण केंद्र मे बैठी सरकार द्वारा गलत फायदा उठाया जा रहा है। केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा उप राज्यपाल के माध्यम से इन शक्तियों का दुरुपयोग किये जाने के आरोप लगातार लग रहे हैें।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एलजी के सामने धरना देने का तरीका प्रथम दृष्टि में अटपटा सा जरूर लग सकता है परंतु उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए कि उन्होंने हमेशा की तरह अपना विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीका अपनाया । यही उनकी बड़ी विशेषता है कि वे अन्य दलांे के नेताओं की तरह जनता को उकसाने जैसा कार्य नहीं करते बल्कि गांधीवादी सत्यग्रही तरीका अपनाते हैं ।
केंद्र में बैठी भाजपा सरकार द्वारा जिस प्रकार अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए प्रशासकनिक अधिकारियेां व अन्य केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है, यह निश्चय ही एक गलत परिपाटी डाली जा रही है। वह यह भूल रही है कि सरकारें आनी-जानी होती हैं। न ही केंद्र में सदैव भाजपा की सरकार रहेगी और न ही दिल्ली में सदा आम आदमी पार्टी की सरकार रहेगी। उनहे नहीं भूलना चाहिए किि दूसरे दल की सरकार आने पर भविष्यमें वे सब कठिनाइयां भाजपा की राज्य सरकारों को भी आ सकती हैं जो अब गैर-भाजपा सरकारों को पेश आ रही हैं।
जनता द्वारा चुनी हुई सरकार अपनी बनाई नीतियों को नौकरशाही की सहायता से ही लागू करवाती हैं परंतु यदि केंद्र में सत्तासीन कोई सरकार राज्य में विरोधी दलों के खिलाफ प्रशासनिक सेवा के अधिकरियों का इस्तेमाल करे, तो यह न केवल देश के लिए बल्कि उसके अपने लिए भी यह घातक होगा।
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